जशपुर मुनादी।। बच्चों से मिट्टी मंगवाने को लेकर निलंबित किए गए शिक्षकों का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। निलंबन के आदेश के बाद ब्लॉक स्तर के शिक्षक संगठनों में काफी रोष है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि विभाग की ओर से मामले की जांच किए बिना ही दोनों शिक्षिकाओं निलंबित कर दिया गया है। ऐसे में शिक्षक संगठनों की ओर से 1 सप्ताह के अंदर निलंबन का आदेश वापस लेने की मांग की गई है। ऐसा नहीं करने पर शिक्षाकर्मी सरकारी शिक्षण योजनाओं का बहिष्कार करेंगे।
प्राथमिक शाला के दो शिक्षिकाओं के निलंबन के विरोध में सोमवार को छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन, संयुक्त शिक्षक संघ और छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने बैठक की। शिक्षक संगठनों का कहना है कि मिट्टी के खिलौने बनवाने की प्रतियोगिता करवाने के संबंध में विभाग की ओर से आदेश आए थे। जिसके लिए ही बच्चों से मिट्टी मंगवाई गई थी। ऐसे में मामले की पूरी जांच के बिना दोनो शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया गया।
शिक्षक संघ का ये है कहना
वहीं इस संबंध में निलंबित शिक्षिका का कहना है कि, उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों को ‘मिट्टी की परख’ और ‘मिट्टी के खिलौने’ जैसे विषयों के बारे में पढ़ाने और सीखने के लिए मिट्टी लाने की बात कही थी। लेकिन कुछ बच्चें ज्यादा मिट्टी लेकर आ गए। सहायक शिक्षक संघ के पदाधिकारी का कहना है कि ऐसे में संबंधित शिक्षक की यहां कोई गलती नहीं है। जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से मामले की निष्पक्ष जांच किए बिना ही निलंबन के आदेश दे दिए गए।
बता दें कि शिक्षक संगठनों की बैठक में निर्णय लिया गया कि इस संबंध में कलेक्टर और एसडीएम को ज्ञापन देकर निलंबन का आदेश वापस लेने की मांग की जाएगी। फरसाबहार ब्लॉक मुख्यालय पर हुई इस बैठक में ब्लॉक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ, देवशरण सिंह, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के ब्लॉक अध्यक्ष नरेश यादव, संयुक्त शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष हेमंत यादव और छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन के विवेक चौधरी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
ऐसे बुद्धिहीन अधिकरी को बर्खास्त कर संपत्ति की जांच कर आय से अधिक पाए जाने पर संपूर्ण संपत्तियों का राजसत करना चाहिए,