.छत्तीसगढ़ मुनादी
अब तक जिला पंचायत द्वारा कई बार शिक्षक पंचायत की नियुक्तियां की गई होंगी लेकिन ऐसा पहली बार देखा जा रहा है जब नियुक्ति आदेश की कॉपी सोशल मीडिया में बड़े जोर शोर से बायरल हो रहा है। नियुक्ति आदेश सोशल मीडिया में बायरल होने का मुख्य वजह है नवनियुक्त पंचायत शिक्षकों के लिए शासन द्वारा जारी सेवा शर्तों का उल्लेख । इस आदेश में ननवनियुक्त शिक्षकर्मियों के लिए शासन ने चौथा शर्त यह रखा है कि शासन द्वारा नियुक्त शिक्षाकर्मी हड़ताल या आंदोलन में हिस्सा नही लेंगे अगर वे ऐसा करते हैं तो उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी । हांलाकि शासन ने इनके लिए कई सारी शर्तें रखी हैं लेकिन शर्त नम्बर 4 काफी सुर्खियों में हैं ।सोशल मीडिया में इस शर्त को लेकर खूब चर्चा हो रही है और इस आदेश को लोग शेयर भी कर रहे हैं ।बताया जा रहा है कि शासन का यह कोई नया शर्त नही है और न ही शर्तों में कोई परिवर्तन किया गया है लेकिन बीते नवम्बर माह में शिक्षाकर्मियों औरसरकार के बीच चले हाई वॉल्टेज ड्रामें के बाद शिक्षाकर्मियों को लेकर नयी बहस छिड़ी हुई है ।इनकी सेवा और शर्तों को सामने रखकर सरकार आज भी अपने पक्षो को मजबूत बताने में लगी हुई है इस बीच ननवनियुक्त शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति और उनकी सेवा शर्तों पर बहस होना भी लाजमी है ।बताया जा रहा है कि शासन इन शर्तों को जानबूझकर सोशल मीडिया में फोकस कर रही है ताकि सरकार आने वाले समय मे वह अपना बचाव कर सके ।
शासन ने इनके लिए 12 शर्तें रखी है जिनमे आखिरी शर्त आगामी 25 दिसम्बर को शाला जॉइन करना है इसके अलावा अधिकांश शर्तों में सीधे सेवा समाप्ति की चेतावनी दी गयी है । उन्हें यह बताया गया है कि शासन के द्वारा जारी इन सभी शर्तो में किसी एक शर्त के पालन नही करने पर भी उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी ।
हम आपको बता दें कि बीते नवम्बर माह में शिक्षाकर्मियों ने बेमियादी हड़ताल की घोषणा कर दी थी इसके बाद सरकार और इनके बीच 15 दिनों तक खूब खींच तान चली इसके बाद संघ ने शून्य में अपना आंदोलन वापस ले लिया । आंदोलन समाप्ति के आज 9वां दिन है लेकिन अभी भी आंदोलन आंतरिक तौर पर थमता हुआ नही दिख रहा है ।अभी भी सरकार और इनके बीच सियासी जंग छिड़ी हुई है । ऐसे में सोशल मीडिया में बायरल हो रहे नियुक्ति आदेश की कॉपियां ज्यादा मायने रखती हैं