मुनादी ।।
हइकोर्ट में हाई पावर कमिटी के सदस्य बाबा रीना साहब कंगाले के बयान के बाद अमित जोगी को प्रेस विज्ञप्ति जारी करना महंगा पड़ गया। हइकोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी करते हुए कहा है कि क्यों न आपके मीडिया में बयान को कोर्ट की अवमानना मानकर आपपर कारवाई की जाय।
हइकोर्ट में आईएएस कंगाले की पेशी के बाद अमित जोगी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि हइकोर्ट ने उमके जाति संबंधित मामले में प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि हाई पावर कमिटी ने न तो अखबारों में कोई विज्ञापन दिया, न मुनादी कराई और न ही उन्होंने कोई आम सूचना ही जारी करवाया, लिहाज हाई पावर कमेटी की जांच का सच सामने आ गया है। इसके अलावा कंगाले पर निशाना साधते हुए कहा था कि समीरा पैंकरा के पक्ष में कंगाले का बयान यह जाहिर करता है कि कंगाले भाजपा एजेंट की तरह काम कर रही हैं। उन्होंने हाई पावर कमिटी के काम के तरीकों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि बाबा रीना और उनके कर्मचारियों का समूह इस कमिटी में था।
इससे पहले RTI कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने हइकोर्ट की अवमानना करने का आरोप अमित जोगी पर लगाया था। लेकिन उच्च न्यायालय ने अमित जोगी के प्रेस विज्ञप्ति को संज्ञान में लेकर उन्हें नोटिस थम ही दिया। इस मामले में मुनादी ने अमित जोगी से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनका पक्ष नहीं मिल।पाया। हइकोर्ट ने अमित जोगी के वकील को भी जमकर लताड़ लगते हुए पूछा कि कोर्ट के अंदर की कार्यवाही का विवरण बाहर कैसे गया।
अमित जोगी ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि उन्हें नोटिस अभी तक नहीं मिला है